गाजर की खेती कैसे करे | Carrot Farming

गाजर की खेती भारत के सभी हिस्सों मे की जाती है। गाजर के अनेक गुण व फ़ायदों के कारण इसका उपयोग आचार, घरों मे सलाद, सब्जी बनाने व आचार और हलवा बनाने मे काफी मात्रा मे किया जाता है। गाजर का सेवन करने से भूख बढ़ती है। और यह गुर्दे के लिए भी काफी लाभदायक होती है। गाजर के जड़ भाग को खाने के लिए काम मे लिया जाता है। आज के इस लेख मे हम बात करेंगे गाजर की खेती कैसे करे और कम लागत मे इस खेती से अधिक मुनाफा कैसे प्राप्त करे। गाजर की खेती की पूरी जानकारी के लिए इस लेख को आप अंत तक जरूर पढे।

गाजर की खेती कैसे करते है ?

कोई किसान भाई गाजर की खेती आसनी से कर सकता है। गाजर की मांग बाजार मे हर समय रहने के कारण इस खेती मे मुनाफा भी काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। हम आपको गाजर की खेती की सभी जानकारी प्रदान करेंगे। गाजर की खेती के लिए आवश्यक तापमान, गाजर की कौनसी किस्म को उगाए। ताकि गाजर की खेती से बढ़िया पैदावार प्राप्त कर सके।

गाजर के खेती के लिए उपयुक्त जलवायु

गाजर की खेती ठंडे मौसम मे की जाने वाली खेती है। गाजर अच्छी क्वालिटी व रंग की प्राप्त करने के लिए तापक्रम का बहुत ही महत्व होता है। गाजर की खेती करने के लिए 12 डिग्री से 25 डिग्री सेन्टीग्रैड का तापमान उपयुक्त माना गया।

गाजर की खेती कैसे करे

भूमि का चुनाव कैसे करे ?

गाजर की खेती करने के लिए गहरी भूरभूरी व हल्की दोमट मिट्टी को उपयुक्त माना गया है। जिसका पी एच मान 6.5 हो। खेती से अच्छी पैदावार लेने के लिए भूमि मे पानी का निकास अच्छा होना जरूरी है। खेत की बिजाई करने से पहले 2 से 3 गहरी जुताई करके अच्छी तरह से समतल कर लेना चाहिए। मिट्टी के ढेले को तोड़ने के लिए पाटा लगाए। पशुओ की सडी हुई गोबर खाद को मिट्टी मे मिलाकर अच्छी तरह तैयार कर ले।

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गाजर की बुवाई करने का समय

गाजर की दो किस्म को उगाकर आप अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते है। पहली एशियन किस्मे जिसकी बुवाई अगस्त से सितंबर महीने मे करनी चाहिए। व दूसरी किस्म युरोपियन किस्मे इनकी बुवाई अक्टूबर से नवंबर महीने मे करनी चाहिए। गाजर की खेती एक हेक्टेयर मे करने के लिए 10 से 12 किलोग्राम तक बीज की आवश्यकता होती है।

गाजर की उन्नत किस्मे

गाजर की खेती कैसे करे

गाजर बुवाई की विधि

गाजर की अच्छी पैदावार व बढ़िया गुणवता की गाजर प्राप्त करने के लिए गाजर की बिजाइ हल्की डोलियाँ पर ही करनी चाहिए। गाजर की बुवाई करते समय डोलियों के बीच 30 से 45 सेंटीमीटर का फासला रखना चाहिए। गाजर के एक पौधे से दूसरे पौधे के बीच 6 से 8 सेंटीमीटर की दूरी रखे। हमेशा डोलियों की चोटी पर 2 – 3 सेंटीमीटर की गहरी नाली बनाकर ही गाजर के बीज को बोए।

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खाद व उर्वरक की मात्रा

खेती से बढ़िया पैदावार व मुनाफा कमाने के लिए खाद व उर्वरक पर्याप्त मात्रा मे दे। गाजर की खेती के लिए खेत तैयार करते समय ही आपको 20 से 30 टन पशुओ की गोबर खाद खेत की जुताई करते समय प्रति हेक्टेयर के हिसाब से देनी चाहिए। व 20 किलोग्राम नाइट्रोजन, 20 किलोग्राम फास्फोरस, 20 किलोग्राम पोटाश की मात्रा बिजाई के समय डाले। गाजर की बिजाई करने के बाद 20 किलोग्राम नाइट्रोजन 3 से 4 सप्ताह के बाद गाजर की खड़ी फसल मे मिट्टी चढाते समय जरूर देनी चाहिए।

गाजर की सिचाई कब करे

गाजर की खेती मे सिचाई की 5 से 6 बार आवश्यकता होती है। जब भी आप गाजर की बिजाई कर रहे है। और मिट्टी मे नमी की मात्रा कम है तो गाजर की बिजाई करने के तुरंत बाद ही सिंचाई का कार्य जरूर करे। दूसरी हल्की सिंचाई बिजाई के 4 से 5 दिन के बाद करे। गाजर की खेती मे सिंचाई 10 से 15 दिन के अंतराल मे करते रहना चाहिए।

खरपतवार का नियंत्रण

खरपतवार का नियंत्रण करने के लिए गाजर की खेती की खेती मे 2 से 3 बार निराई गुड़ाई का कार्य करना चाहिए। बुवाई के 1 महीने के बाद मिट्टी चढाने का कार्य करना चाहिए। खरपतवार का रासायनिक दवा के द्वारा नियंत्रण करने के लिए पेंडीमेथिलीन 30 ई सी की 3 किलोग्राम मात्रा को 1000 लीटर पानी की मात्रा मे घोलकर गाजर की बुवाई करने के 48 घंटे के अंदर छिड़काव कर दे। इससे आप खरपतवार पर नियंत्रण पा सकते है।

गाजर की खेती मे लगने वाले रोग व नियंत्रण

इस खेती मे एक बीमारी सबसे ज्यादा देखने को मिलती है जिसका नाम है अल्टरनेरिया ब्लाइट इस बीमारी के गाजर की खेती मर हो जाने पर पौधे की पत्तिया पर पीले रंग के धब्बे पड़ने लग जाते है। कही बार धारिया भी दिखाई देने लगती है। इस बीमारी की रोकथाम के लिए गाजर की फसल पर 10 से 12 दिन के अंतराल पर 0.2 % कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव 500 से 600 लीटर पानी मे मिलाकर प्रति हेक्टेयर करे।

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गाजर की खुदाई व पैदावार

गाजर की खुदाई का समय गाजर की किस्म पर निर्भर करता है। आगे आपने गाजर की एशियन किस्म की बुवाई की है तो 100 से 130 दिन के बाद खुदाई करनी चाहिए। व गाजर की आपने युरोपियन किस्म की बुवाई की है तो 60 से 70 दिन के बाद गाजर खुदाई के लिए तैयार हो जाती है। गाजर की पैदावार उगाई जाने वाली किस्म पर निर्भर करती है। औसत पैदावार की बात करे तो 220 से 225 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार प्राप्त हो जाती है।

अगर आपको गाजर की खेती कैसे करे की जानकारी ज्ञानवर्धक लगी हो तो शेयर मित्रों के साथ जरूर शेयर करे। गाजर की खेती करने को लेकर आपके किसी भी तरह के कोई सवाल है, तो आप हमारे को कमेन्ट करके पूछ सकते है। हम जल्द ही आपके सवाल का जवाब देंगे।

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