इलायची की खेती करने की उन्नत तकनीक | Elaichi Ki Kheti

Elaichi Farming – भारत मे इलायची की खेती प्रमुख रूप से की जाती है। इसी कारण से इलायची उत्पादन मे भारत देश का स्थान है। इलायची का उपयोग रसोई के साथ-साथ मसलों व कही तरह की मिठाई बनाने मे प्रमुख रूप से होता है। इसी कारण से इलायची को मसलों की रानी भी कहा जाता है। भारत जैसे देश मे हम इलायची के प्रमुख उपयोग के बारे मे बात करे तो चाय को स्वादिष्ट और खुशबूदार बनाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। आज के इस लेख मे हम बात करेंगे की इलायची की खेती करने की उन्नत तकनीक कौन – कौनसी है। किस तरह Elaichi Ki Kheti को करके एक किसान कम मेहनत व कम लागत के अच्छा मुनाफा कमा सकता है।

इलायची की खेती कैसे करे

इलायची का पौधा

इलायची के पौधे की लंबाई की बात करे तो यह पौधा 1 से 2 फिट की लंबाई वाला होता है। और यह पौधा साल भर हरा रहने वाला पौधा है। व इस पौधे का तना 1 से 2 मीटर तक लंबा होता है। इलायची के पौधे की पत्तिया 30 से 60 सेमी तक लंबाई की होती है व इनकी चोड़ाई 5 से 9 सेन्टीमीटर तक होती है।

इलायची की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी

इलायची की खेती करने के लिए सबसे बढ़िया मिट्टी लाल दोमट मिट्टी मानी गई है। क्योंकि ज्यादा पैदावार लेने के लिए इसी मिट्टी को चुना जाता है। लेकिन अगर आपके क्षेत्र मे इस तरह की मिट्टी नहीं है तो खाद व उर्वरकों का प्रयोग करके, आप किसी अन्य मिट्टी मे भी आसानी से इलायची की खेती कर सकते है। इस खेती को करने के लिए भूमि का ph मान 5 से लेकर 7.5 तक होना जरूरी है ताकि आप अच्छी पैदावार व मुनाफा कमा सके।

उपयुक्त जलवायु और तापमान

इस फसल को उगाने के लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु को सबसे बढ़िया माना गया है। भारत मे अन्य राज्यों मे आधुनिक व उन्नत तकनीक को अपनाते हुए, इस खेती को किया जा रहा है। अगर तापमान की बात करे 10 डिग्री से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान की इलायची की खेती को आवश्यकता होती है। इस खेती को 1500 से 4000 मिलीमीटर वार्षिक बारिश वाले क्षेत्र मे आसानी से उगाया जा सकता है। व इलायची की खेती को समुन्द्र तल से 600-1500 मीटर की उचाई पर आसानी से इलायची की खेती की जा सकती है।

इलायची की उन्नत किस्मे

  • अलटेरिया – इलायची की अलटेरिया व किस्म है जिसे आम भाषा मे हरी इलायची या छोटी इलायची के नाम से जाना जाता है। इस तरह की किस्म को भारत देश के मलेशिया मे उगाई जाती है। इस इलायची का उपयोग अधिकाश मुख मे खुशबू व पूजन आदि के लिए व मिठाई मे खुशबू के लिए किया जाता है।
  • एमोमम – इस किस्म की इलायची को हम बड़ी इलायची या फिर काली इलायची, या फिर भूरी इलायची, के साथ ही इसको अन्य नाम जैसे नेपाली इलायची,  के साथ ही लाल इलायची के नाम से भी जानते है। इस इलायची का उपयोग मसालों में किया जाता है। इस इलायची कपूर जैसी खुशबु आती है।

इलायची की खेत की तैयारी कैसे करे ?

इलायची की खेती करने के लिए सबसे पहले आपको खेत की जुताई करके समतल कर लेना है। अगर खेत की मेड नहीं है तो मेड लगाने का कार्य जरूर करे। ताकि बारिश के समय मे बारिश का पानी खेत से निकलकर बाहर नहीं जाए। इलायची के पौधों को लगाने से पहले एक बार खेत की जुताई रोटावेटर से जरूर कर दे।

अगर आप इलायची के पौधों को खेत मे मेड बनाकर लगाना चाहते है, तो आपको 1 से 2 फिट की दूरी पर मेड बनाकर लगाना चाहिए। व इलायची के पौधों को गड्डो के द्वारा लगाने के लिए 2 से 3 फिट की दूरी रखकर पौधों को लगाए। इलायची की खेती करने की उन्नत तकनीक से करने के लिए खोदे गए गड्डो मे गोबर खाद व उर्वरक अच्छी मात्रा मे मिला दे।

इलायची के पौधों को तैयार करना

इलायची की खेती मे पौधों को लगाने के लिए सबसे पहले पौधों को नर्सरी मे तैयार किया जाता है। इलायची के बीज को नर्सरी मे पौधों को तैयार करने के लिए 10 सेन्टीमीटर की दूरी पर लगाए। अगर बीज की मात्रा की बात करे तो एक हैक्टेयर मे नर्सरी तैयार करने के लिए 1 किलोग्राम इलायची का बीज काफी माना गया है। जब इलायची के बीज का अंकुरण होने लग जाए तब आपको सुखी घास से अकुरित पौधों को ढक देना चाहिए।

इलायची के पौधों को खेत मे लगाने का सही समय

नर्सरी मे इलायची के पौधों को तब लगाना चाहिए जब उनकी लंबाई जब 1 फिट हो जाए तब लगाए। यह लंबाई नर्सरी लगाने के 1 से 2 महीने मे हो जाती है। इलायची के पौधों को खेत मे बारिश के मौसम यानि जुलाई के महीने मे लगाना चाहिए। इस समय मे बारिश होने के कारण सिचाई की आवश्यकता कम होती है। बारिश का पानी पौधों को मिलने के कारण पौधे भी जल्दी वृद्धि होती है। पौधों को हमेशा छाया वाली जगह ही लगाए। इलायची के पौधों को गड्डो या फिर मेड पर लगाते समय एक पौधे से दूसरे पौधे की बीच मे 60 सेन्टीमीटर की दूरी जरूर रखे।

सिचाई कब व कितने दिन बाद करे ?

पौधों को लगाने के तुरंत बाद इलायची की खेती की पहली सिचाई कर देनी चाहिए। वैसे जब तक बारिश का मौसम रहता है उस समय इसके पौधों को सिचाई की आवश्यकता नहीं होती है। गर्मी की ऋतु मे आपकी इलायची के पौधों मे पर्याप्त मात्रा मे सिचाई करनी चाहिए। ताकि पौधों मे उचित नमी बनी रहे। सिचाई इलायची की खेती मे आपको 10 से 15 दिन के बाद करते रहना चाहिए।

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उर्वरक व खरतपवार नियंत्रण

इलायची की खेती करने की उन्नत तकनीक से करने के लिए आपको एक इलायची के पौधों मे लगभग 10 किलो तक सड़ी हुई गोबर खाद देनी चाहिए। 1 किलो वर्मी कम्पोस्ट जरुर डाले इस खेती में आपको खरपतवार पर जरुर देना चाहिए, इलायची की खेती में खरपतवार को निराई गुड़ाई के द्वारा निकालना चाहिए समय – समय पर निराई गुड़ाई करने से पौधों को जडो में नमी बनी रहती है. और पौधा जल्दी वृद्धि करता है।

इलायची की खेती मे होने वाले रोग

इस खेती मे आपको बहुत ही कम रोग देखने को मिलता है। रोग कम होने के कारण खेती मे कीटनाशक का ज्यादा उपयोग न होने के कारण लागत भी कम रहती है।

झुरमुट व फंगल रोग – इलायची की खेती मे यह रोग अधिकाश: इलायची के बीजों को उपचारित न करके लगाने से होता है। इलायची के बीजों की नर्सरी मे बुवाई करने से पहले ट्राईकोडर्मा से उपचारित जरूर कर ले। अगर किसी भी पौधे मे आपको यह रोग दिख जाता है, तो तुरंत उस पौधों को उखाड़ कर फेक दे। इस रोग के होने की यह पहचान है पौधे की पत्तिया सिकुड़कर नष्ट होना शुरू हो जाती है।

सफेद मक्खी रोग – इस रोग के होने पर इलायची का पौधा वृद्धि करना बंद कर देता है। सफेद मक्खी इलायची के पौधे की पत्तिया पर ज्यादा हमला करती है। और पत्तियो के रस को चूसकर पौधे को नष्ट कर देती है। सफेद मक्खी रोग की रोकथाम के लिए आपको कास्टिक सोडा व नीम के पानी को अच्छी तरह मिलाकर पौधों की पत्तियों पर छिड़काव करना चाहिए।

पौधों की कटाई का समय

इलायची के पौधों से बीज की कटाई का आपको बीज के पूरी तरह पकने से थोड़ा पहले करनी चाहिए। बीज की कटाई का कार्य करने के बाद उसकी अच्छी तरह से सफाई करे। व बीजों को अच्छी तरह से सूखने के लिए रख दे। जब बीज पूरी तरह से सुखकर तैयार हो जाए, तब आप इनको बाजार या मंडी मे अच्छा भाव आने पर बेच सकते है।

इलायची की खेती मे पैदावार व कमाई

सही व उन्नत तकनीक की गई Elaichi Ki Kheti से आप प्रति हैक्टेयर अच्छी तरह से सुखकर तैयार 135 से 150 किलोग्राम तक इलायची की पैदावार ले सकते है। अगर हम इलायची के प्रति किलोग्राम के भाव की बात करे तो 2 हजार रूपये तक रहते है।  बाज़ार में इलायची की मांग हमेशा रहती है। अगर आप इलायची की खेती करते है तो आप एक बार की इलायची की खेती से 2 से 3 लाख का मुनाफा आसानी से कमा सकते है।

Elaichi Ki Kheti से सम्बन्धित सवाल ( FAQ )

इलायची का पौधा कितने साल बाद फल देने लगता है ?

इलायची का पौधा 3 से 4 साल के बाद इलायची के फल देना शुरू कर देता है।

इलायची का भाव क्या है ?

इलायची बाजार मे 2000 से 3000 रुपये किलोग्राम के भाव से बिक रही है।

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