लहसुन की उन्नत खेती कैसे करे | Lahsun Ki Kheti

Garlic Farming – लहसुन की खेती वैसे तो भारत के पूरे हिस्सों मे हो जाती है। लेकिन मूल रूप से यह फसल दक्षिण यूरोप की फसल है। इसका का उपयोग आज के समय मे बहुत सारे कामों मे होता है। भारत मे सबसे ज्यादा इसका उपयोग सब्जी, पकवान आदि बनाने मे किया जाता है। इसकी के साथ ही इसमे मे फास्फोरस, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट पर्याप्त मात्रा मे पाया जाता है। इसके कारण ही लहसुन अपच को ठीक करने मे भी मदद करता है। इस कारण इसकी मांग बाजार मे साल भर रहती है। और किसान को लहसुन की खेती से मुनाफा भी काफी अच्छी मात्रा मे मिल जाता है। आज हम आपको इस लेख मे Lahsun Ki Kheti से बढ़िया पैदावार लेने के बारे मे पूरी जानकारी प्रदान करने वाले है। आप हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढे। 

lahsun ki kheti kaise kre

लहसुन की उन्नत खेती के लिए जलवायु और मौसम की आवश्यकता 

वैसे तो लहसुन की उन्नत तकनीक से खेती किसी भी मौसम व जलवायु मे की जा सकती है। लेकिन बहुत ज्यादा ठंडे व बहुत ज्यादा गर्म ज्यादा गर्म जलवायु या मौसम मे लहसुन की खेती नहीं की जा सकती है। लहसुन के बल्ब के बड़े व अच्छे बनने के लिए  लहसुन की खेती के लिए छोटे दिन बढ़िया होते है। जिस समय लहसुन की फसल तैयार होती है उस समय इस फसल को ठंडा व गर्म मौसम की आवश्यकता होती है। 

खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी 

लहसुन की खेती किसी भी मिट्टी मे की जा सकती है लेकिन सबसे उपयुक्त मिट्टी लहसुन की खेती के लिए दोमट मिट्टी मानी जाती है। क्योंकि दोमट मिट्टी का जल निकास बढ़िया होता है। अगर आप लहसुन की खेती अगर आप दोमट व बलुई मिट्टी मे कर रहे है तो आप काफी अच्छी मात्रा लहसुन की पैदावार ली जा सकती है।

लहसुन की खेती भारी व चिकनी मिट्टी मे नहीं करनी चाहिए चिकनी मिट्टी मे लहसुन की उन्नत खेती करने से लहसुन के बल्ब बड़े नहीं बनते है। और लहसुन की खुदाई मे काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

लहसुन की उन्नत किस्मे कौनसी है

लहसुन की खेती करने की उन्नत तकनीक से खेती करने के लिए बीज की किस्म का चुनाव करते समय उसी किस्म का चुनाव करे , जो आपके क्षेत्र के प्रचलित किस्म हो क्युकी अपने क्षेत्र व जलवायु के अनुसार लहसुन की उन्नत किस्म का चुनाव करने से आपको इसका अच्छा फायदा व बढ़िया पैदावार भी प्राप्त होगी। नीचे हम आपको लहसुन की कुछ उन्नत किसमे व उनसे होने वाली पैदावर बता रहे है। 

गोदावरी किस्म – गोदावरी किस्म लहसुन की एक उन्नत व बढ़िया उत्पादन देनेवाली किस्म है, इस किस्म के लहसुन आकार मे मध्यम होते है। व रंग की बात करे तो रंग मे गुलाबी रंग के होते है। गोदावरी किस्म की लहसुन 130 से 140 दिन मे पूरी तरह से तैयार हो जाती है। इस किस्म से प्रति हेक्टर पैदावार 150 क्विंटल तक हो जाती है।

लहसुन की G-1 किस्म – लहसुन की यह किस्म भी एक उन्नत किस्म मानी जाती है।इस किस्म की फसल तैयार मात्र 160 से 180 दिन मे पूरी तरह से तैयार हो जाती है। इस किस्म से लहसुन की उपज प्रति हेक्टर 40 से 45 क्विंटल प्राप्त हो जाती है,इसके साथ ही लहसुन की बहुत सारी उन्नत किस्मे आपको मिल जाएगी, आप किसी एक किस्म को चुन सकते है।

लहसुन की प्रति एकड़ बीज की आवश्यकता 

अगर आप लहसुन की उन्नत खेती कर रहे है तो आपको यह मालूम होना जरूरी है की प्रति एकड़ लहसुन के कितने बीज की आवश्यकता होती है, लहसुन की खेती मे प्रति एकड़ बीज की बात करे तो प्रति एकड़ बुवाई के लिए 400 से 500 किलो  लहसुन की कलिया की आपको आवश्यकता होगी।

अगर आप लहसुन की बुवाई किसी मशीन के द्वारा करवा रहे है तो आपको 500 – 600 किलो लहसुन के बीज की आवश्यकता होगी। लहसुन के बीज की बुवाई से पहले आपको लहसुन के बीज को उपचारित करना जरूरी है। ताकि बीज से उत्पन्न होने वाले रोगों से बचा जा सके।

लहसुन की खेती मे बुवाई व समय 

लहसुन की खेती करने की उन्नत तकनीक से खेती मे बुवाई का समय सबसे अच्छा अगस्त महीने से नवंबर महीने को माना जाता है। इस समय मे आपको  लहसुन की बुवाई कर देनी चाहिए।लहसुन की खेती सामान्यत रबी की ऋतु यानि गर्मी वाले दिनों मे की जाती है, लहसुन की खेती मे बुवाई करते समय आपको कतार से कतार के बीच की दूरी 12 से 15 सेंटीमीटर रखनी चाहिए। लहसुन के एक पौधे से दूसरे पौध के बीच की दूरी आपको 7 से 8 सेंटीमीटर रखनी चाहिए। 

खेती मे खाद व उर्वरक की मात्रा 

किसी भी खेती से बढ़िया पैदावार लेने के लिए खाद व उर्वरक का पूरी मात्रा मे देना जरूरी है। लहसुन की उन्नत खेती मे पहली जुताई से पहले आपकी भूमि मे सड़ी हुई पशुओ की 20 से 30 टन खाद मिला देनी चाहिए। ताकि जुताई के समय खाद  अच्छी तरह से भूमि मे मिल जाए। लहसुन की खेती मे आपको नाइट्रोजन फास्फोरस पोटाश भी देनी चाहिए। इस खेती मे आपको पर्याप्त मात्रा मे खाद व उर्वरक देने चाहिए ताकि आपको लहसुन की कलिया बड़ी व भारी प्राप्त हो।

लहसुन की सिचाई कब करे 

अगर लहसुन का खेत पूरी तरह से सुख है तो आपको पहली सिचाई लहूसन की बुवाई के बाद ही कर देनी चाहिए। लहसुन की खेती मे रोपाई के बाद के शुरुआती के दिनों मे कम सिचाई की जरूरत होती है। लहसुन की जब तक जड़े न बन जाए तब तक आपको भूमि मे नमी बनाए रखनी चाहिए। इसी कारण लहसुन की खेती मे लहसुन की रोपाई के बाद हलकी सिचाई की जरूरत होती है। 

जैसे -जैसे लहसुन के पौधे बढ़े होते है तो पानी की आवश्यकता बढ़ने लग जाती है। लहसुन की खेती को मौसम के अनुसार जल व सिचाई की आवश्यकता होती है। अगर आप नवंबर से जनवरी के महीने मे लहसुन की खेती कर रहे है तो आपको  लहसुन की सिचाई 10 से 12 दिन के अंतराल मे करनी चाहिए। व अगर आपने खेती फरवरी से अप्रैल महीने मे की है तो आपको  सिचाई 7 से 8 दिन के बाद करनी चाहिए। 

लहसुन की खेती की खुदाई कब करे 

लहसुन की फसल 4 से 5 महीने मे पूरी मे पूरी तरह से खुदाई के लिए तैयार हो जाती है। जब आपको लगे की लहसुन की पत्तिया पीली पड़ने लग जाए व सुखकर गिरने लग जाए, तब आपको लहसुन की खुदाई शुरू कर देनी चाहिए । लहसुन के पौधे को जमीन से बाहर निकालने के बाद आपको आपको गठरी मे बांध कर धूप मे 3 से 4 दिनों तक सूखने के लिए रख देना चाहिए। लहसुन की उपज की बात करे तो प्रति हेक्टेयर लहसुन की 6 से 8 टन लहसुन की उपज प्राप्त की जा सकती है। 

लहसुन का भंडारण करने के तरीके 

अगर आप जिस समय लहसुन की खुदाई कर रहे है और उस समय लहसुन का बढ़िया भाव नहीं है, तो आप लहसुन का भंडारण कर सकते है और जब भी लहसुन के भाव अच्छे आए तब आप लहसुन को बाजार या मंडी मे बेच सकते है। लहसुन का भंडारण आप किसी हवादार कमरे या हॉल मे कर सकते है। सही तरह से भंडार किए गए लहसुन को आप 1 से 2 महीने तक आसानी से रख सकते है। और जब भाव आए तब आप लहसुन को निकाल सकते है। 

लहसुन खेती मे होने वाली बीमारिया 

इसकी खेती मे अनेक तरह की बीमारिया होती है, इन बीमारिया के प्रभाव से बचने के लिए आपको लहसुन के उन्नत व उपचारित बीज का इस्तेमाल करना चाहिए ।  ताकि बीज से होने वाली बीमारी से बचा जा सके। इस फसल मे बहुत  सारे किट लग जाते है जो काफी अधिक मात्रा मे लहसुन खेती को नुकसान पहुचाते अत: जब भी आपको लगे की फसल मे  बीमारिया होने लगे तो तुरंत कीटनाशक के प्रयोग से रोगों से बचने का प्रयास करे। ताकि उपज पर किसी तरह का विपरीत असर न पड़े। 

अगर आपको Lahsun Ki Kheti की यह जानकारी अच्छी लगी है। तो इसे अपने मित्रों के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर जरूर करे। लहसुन की खेती से जुड़े आपके कोई भी सवाल है तो आप हमारे को कमेन्ट करके पूछ सकते है। हमारी टीम आपके सवाल का जल्द ही जवाब देने का प्रयास करेगी।

 

Share Now

Leave a Comment