नींबू की खेती कैसे करे | Lemon Farming

Nimbu Ki Kheti – नींबू के पौधे में कई तरह के औषधीय गुण होने के कारण भारत के किसान सालो से इस नींबू के पौधे को बहुत महत्व देता है, आज के इस आधुनिक युग में अगर कोई किसान नींबू की खेती करता है,तो काफी अच्छी नींबू की पैदावार ले सकता है और हर साल लाखो में कमाई कर सकता है| नींबू की खेती एक ऐसी खेती है जिसे भारत के सभी राज्यों में उगाई जा सकती है| नींबू की बहुत सारी प्रजातिया है आप किसी भी एक बढ़िया नींबू की प्रजाति लगाकर नींबू खेती कर सकते है।

नींबू की खेती करने की उन्नत तकनीक

नींबू की खेती के लिए मिटटी

नींबू को किसी भी तरह की जमीन में उगाया जा सकता है नींबू की खेती के लिए सर्वोतम मिटटी हल्की मिटटी जिसका जल निकास अच्छा हो मानी गई है।  नींबू की खेती के लिए मिटटी का ph मान 5.5 से 7.5 होना जरूरी है लेकिन नींबू की खेती 4 से 9 ph मान वाली जमीन में भी हो जाती है।

सबसे ज्यादा पैदावार वाली नींबू की उन्नत किस्मे

भारत के अलग – अलग राज्यों में नींबू यानि लैमन की बहुत सारी प्रजाति के पौधे लगाए जाते है। हम आपको कुछ नींबू की बहुत अच्छी मात्र में पैदावार देने वाली प्रजाति के नाम बता रहे है।आप किसी भी एक अच्छी से प्रजाति का चुनाव करके नींबू की खेती कर सकते है।

पंजाब बारामासी – पंजाब बारामासी नींबू की अच्छी पैदावार देने वाली प्रजाति है इस प्रजाति के नींबू की शाखाए जमीन को चुने वाली होती है, इस प्रजाति से प्राप्त नींबू आकर में गोल व् पीले रंग के होते है। इस नींबू की प्रजाति से आप प्रति नींबू के पौधे से 85 किलोग्राम तक नींबू की पैदावार ले सकते है।

नींबू की Eureka प्रजाति – नींबू की इस प्रजाति के नींबू पीले छिलके के होते है व् इस किस्म के नींबू का रस स्वाद वाला होता है। इस किस्म के नींबू अगस्त महीने तक पककर तैयार हो जाते है।

PAU बारामासी – इस प्रजाति के नींबू से भी आप अच्छी मात्र में पैदावार ले सकते है, इस किस्म के नींबू का पककर तैयार होने का समय जुलाई का शुरूआती समय है । इस किस्म की नींबू की प्रजाति से आप 84 किलोग्राम तक हर पेड़ से आप नींबू प्राप्त कर सकते है।

नींबू की खेती के लिए जमीन तैयार कैसे करे ?

इस खेती को करने के लिए जमीन की तैयारी करने के लिए आपको सबसे पहले खेती की अच्छी तरह से जुताई कर लेनी चाहिए । इसके बाद आपको जमीन को पूरी तरह से समतल कर लेनी चाहिए । अगर आप नींबू की खेती पहाड़ी इलाके में कर रहे है तो ढलानों के साथ की जमीन पर नींबू की रोपाई करे, ताकि आपको पैदावार बढ़िया मात्र में मिल सके ।

नींबू की खेती करने का उपयुक्त समय

खेती करने का सबसे बढ़िया समय जून महीने से लेकर अगस्त महीने को माना जाता है । क्युकी इस समय में बारिश शुरू हो जाती है, बारिश का पानी मिलने के कारण लगभग सभी पौधे उग जाते है और बड़े भी जल्दी हो जाते है। नींबू के पौधे लगाने के लिए आपको हमेशा गड्डा खोदकर ही लगाना चाहिए। गड्डा खोदकर आपको गड्डे को एक से दो दिन तक ऐसे ही धुप में रखना चाहिए ताकि गड्डे व् मीट्टी के सभी रोगाणु मर जाए । गड्डे में वापिस मिटटी भरते समय हल्की मिटटी कम में ले व् सदी हुई गोबर खाद मिटटी में मिलाकर जरुर डाले ताकि पौधे को पूरी मात्रा में पोषण मिल सके ।

नींबू के पौधे की सिचाई करने का सही समय

पौधे को उगने के समय से एक साल के समय में की गई नींबू की सिचाई महत्वपूर्ण होती है। यह सिचाई पौधे की ग्रोथ व् पौधे को बचाने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। नींबू के पौधे की समय पर की गई सिचाई नींबू के फलो को बड़ा आकार देने में सहायक होती है।

अगर आप नींबू के पौधे की समय पर सिचाई नही करते है, तो नींबू की पैदावार पर इसका विपरीत असर पड़ेगा।और पौधा समय से पहले ही नष्ट हो जायेगा। बसंत ऋतू के समय आपको नींबू के पौधे की जमीन को आंशिक सुखी रखनी चाहिए। क्योंकि इस समय में नींबू की मिटटी को सुखी रखना फायदेमंद रहता है।

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नींबू के पौधे के लिए खाद व् उर्वरक

खेती के लिए सबसे अच्छा खाद पशुओ की सड़ी हुई खाद रहती है। अगर नींबू का पौधा एक साल का हो गया है, तो आपको प्रति पौधे के हिसाब से 5 से 20 किलो गोबर खाद व् 100 से 200 ग्राम तक यूरिया खाद देनी चाहिए। नींबू का पौधा जब 5 से 6 साल का हो जाये। तब आपको 25 से 30 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर खाद व् 100 से 300 ग्राम तक यूरिया खाद डाले।

अगर निम्बू के फल पकने से पहले गिरना स्टार्ट हो जाए तो आपको निम्बू के फलो को गिरने से रोकने का तुरंत उपाय करना चाहिए। ताकि ज्यादा मात्र में फल नही गिर सके फलो को गिरने से रोकने के लिए आपको 2,4 डी को 10 ग्राम मात्रा को लेकर 500 लीटर पानी में डालकर निम्बू पर छिडकाव करे इस दवा की पहली छिडकाव करे। आपको मार्च महीने के अंत में व् अप्रैल महीने के शुरूआती में करनी चाहिए। और दूसरी छिडकाव सितंबर महीने में करनी चाहिए।

नींबू की खेती के साथ उगाई जाने वाली सब्जिया

इस खेती के साथ अगर आप सब्जी भी उगाते है, तो आपको सालभर अच्छा मुनाफा मिल जाता है। क्योंकि जब तक आपकी नींबू की पैदावार तैयार होती है। तब तक आप नींबू के पौधों के बीच में खाली जगह में आप मटर मिर्च जैसी आदि सब्जी की उगा सकते है। और इनसे अच्छी पैदावार ले सकते है।

नींबू के पौधे की कटाई छटाई

पौधे के तने को मजबूत बनाने के लिए आपको शुरूआती समय में आपको जमीनी स्तर से 40 से 50 सेंटीमीटर में लगी सभी शाखाओ को हटा देना चाहिए, ताकि नींबू का केंद्र का तना मजबूत बन सके। आपको समय – समय पर नींबू की जडो वालो भाग की खुदाई करके मुख्य जडो को छोडकर फालतू कि जडो के जाल की किसी धारदार चीज से काटकर बाहर निकाल देना चाहिए, ताकि पौधे को मिलने वाला पोषण पर्याप्त मात्रा में मिल सके, अगर पौधे के सुखी हुई टहनिया लगी हुई है तो उन्हें हटा देना चाहिए।

नींबू की खेती से पैदावार व भण्डारण

अगर नींबू की खेती में किसी तरह का रोग नही है तो आप सालभर नींबू की बढ़िया पैदावार ले सकते है। आप गर्मी के दिनों में 40 किलोग्राम तक पैदावार तक आप 2 मीटर लम्बे पौधे से प्राप्त कर सकते है। नींबू का भण्डारण आप आसानी से 6 से लेकर 8 हफ्ते तक कर सकते है। इतने दिनों तक नींबू को आप आसानी से स्टोर रख सकते है।

नींबू की खेती में होने वाले रोग व उपचार

इस तरह की खेती में बहुत सारे रोगों व कीटो का भी हमला होता है, सामान्यत हम देखते है। निम्बू की खेती में रोग पत्तो पर लगता है बहुत से किट नींबू के पत्तो के रस को चूसते है। अगर निम्बू में ऐसा रोग लग गया है तो आपको नीबू के पौधे पर मोनो क्रोटोफ़ॉस का छिडकाव स्प्रे के द्वारा करनी चाहिए ।

अगर नींबू के पौधे के पत्ते पीले पड रहे है, तो यह पौधे में आयरन की कमी के संकेत है। आपको पौधे में आयरन की पूर्ति के लिए पशुओ की सड़ी हुई खाद देनी चाहिए ताकि पौधे में आयरन की कमी की पूर्ति हो सके।

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