जनवरी महीने मे सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली सब्जीयां

Best Vegetables To Grow In January Montn In India – सब्जी की खेती तो भारत के लगभग सभी इलाकों मे किसान करते है। और अलग – अलग सब्जी को उगाने का समय भी भिन्न – भिन्न होता है। जैसे आप मुली की सब्जी से अधिक उत्पादन व मांग के अनुसार उगाने के लिए उसके उगाने के सही समय पर ही उगाते है। ताकि उत्पादन भी बढ़िया मिले व बाजार मे भाव भी मिल सके। आज हम बात करेंगे जनवरी महीने मे उगाई जाने वाली सब्जीयां कौन -कौनसी है। जिनको आप सर्दी के मौसम मे आसानी से उगाकर अच्छा मुनाफा कमा सके।

जनवरी महीने मे उगाई जाने वाली सब्जीयां

जाने जनवरी महीने मे कौनसी सब्जीयां उगाए ?

बैंगन की सब्जी

बैंगन की खेती पूरे भारत मे उगाई जाने वाली सब्जी है। इस सब्जी को आप अगर जनवरी महीने मे उगाते है तो आप बढ़िया मात्रा मे बैंगन की खेती से अच्छा व पैदावार ले सकते है। बैंगन की सब्जी घरों मे सब्जी बनाने के लिए काफी मात्रा मे इस्तेमाल की जाती है। और इस सब्जी की मांग बाजार मे हमेशा रहती है। क्योंकि आजकल के समय मे महिलाए बैंगन की सब्जी को अनेक तरह से बनाती है। इस कारण हर घर की पसंद की सब्जी है।

बैंगन की बुवाई का समय

बैंगन की खेती करने के लिए सबसे पहले आपको बैंगन की पौध तैयार करनी होती है। व सब्जी की खेती करने के लिए आपको जनवरी महीने मे बैंगन की सब्जी की रोपाई कर देनी चाहिए। एक हेक्टेयर मे बैंगन की खेती करने के लिए 300 ग्राम बैंगन के बीज को काफी माना गया है। यह बीज आप अपने आस – पास की किसी भी कृषि सेवा केंद्र से खरीद सकते है।

खाद की मात्रा

बैंगन की खेती से पैदावार व मुनाफा कमाने के लिए आपको समय – समय पर इस खेती मे खाद व उर्वरक का प्रयोग जरूर करना चाहिए। बैंगन की खेती मे आपको एक हेक्टेयर मे 245 किलोग्राम तक पशुओ की गोबर खाद आपको इस खेती मे देनी चाहिए। इसके साथ ही उर्वरकों की मात्रा को बढ़िया बनाए रखने के लिए यूरिया खाद, पोटाश, फास्फोरस आदि देते रहे।

सिचाई व तुड़ाई कब करे

इस खेती की पहली सिचाई आपको रोपाई के तुरंत बाद हल्की सिचाई कर देनी चाहिए। व इसके बाद आपको 3 से 5 दिन के अंतराल पर बैंगन की सिचाई करते रहना चाहिए। बैंगन के फल तैयार होने के समय बैंगन चमकदार हो जाते है। उस समय आपको बैंगन की तुड़ाई शुरू कर देनी चाहिए। ताकि बैंगन के फल मे बीज न पड़ सके। बैंगन मे बीज पड़ने पर बाजार मे मूल्य भी कम मिलते है।

शिमला मिर्च की खेती

जनवरी महीने मे उगाई जाने वाली सब्जीयां मे आप  शिमला मिर्च की खेती भी आसानी से कर सकते है। आजकल बाजार मे शिमला मिर्च की मांग को ध्यान मे रखते हुए इसकी खेती ज्यादा मात्रा मे की जा रही है। इसका मुख्य कारण इस खेती से प्राप्त शिमला मिर्च की पैदावार अच्छी होती है। अगर आप भी जनवरी महीने मे कोई सब्जी की खेती करने का विचार कर रहे है तो आप शिमला मिर्च की खेती कर सकते है।

शिमला मिर्च की खेती करने के लिए भूमि व समय

अगर आप शिमला मिर्च की खेती से बढ़िया मुनाफा कमाना चाहते है तो आपको शिमला मिर्च की खेती हमेशा आपको चिकनी व दोमट भूमि मे करनी चाहिए। इस खेती को आप आसानी से जनवरी के महीने मे लगा सकते है। क्योंकि शिमला मिर्च बढ़िया प्राप्त करने के लिए सर्द मौसम की आवश्यकता होती है।

यह भी जरूर पढे :-

शिमला मिर्च की रोपाई

शिमला मिर्च की खेती करने के लिए सबसे आपको शिमला मिर्च के बीज की रोपाई तैयार करनी होती है। इसके बाद जब रोपाई से पौधे तैयार हो जाते है। इसका पता आप इस तरह लगा सकते है जब शिमला मिर्च की रोप लगभग 4 पत्ती की हो जाए, समय आपको क्यारियों मे शिमला मिर्च के पौधों की जनवरी महीने मे करनी चाहिए।

खाद व उर्वरक की मात्रा

शिमला मिर्च की खेती करने से पहले ही आपको भूमि मे पशुओ की सड़ी हुई गोबर खाद डालनी चाहिए। ताकि भूमि मे उर्वरकों की पूर्ति हो सके। इसके साथ ही मिट्टी मे यूरिया, पोटाश व फास्फोरस की आवश्यकतानुसार मात्रा डालनी चाहिए।

सिचाई व तुड़ाई कब करे

शिमला मिर्च की खेती की पहली सिचाई आपको शिमला मिर्च को क्यारियों मे लगाने के बाद ही कर देनी चाहिए। व इस खेती को कम जल की आवश्यकता होती है। गर्म दिनों मे आप इस खेती की सिचाई 7 दिन के बाद कर सकते है। वही सर्दी के मौसम मे आपको 2 सप्ताह के बाद सिचाई कर देनी चाहिए। इसके पौधों को क्यारियों मे लगाने के 2 महीनों के बाद शिमला मिर्च के तुड़वाई का कार्य कर सकते है। जो पैदावार आपको 3 से 4 महीनों तक मिलती रहेगी।

मुली की खेती

मुली को उगाने का सही समय दिसंबर व जनवरी महिना माना जाता है। इसका मुख्य कारण है सर्दी के मौसम मे मुली की मांग अधिक होती है। इस समय मे लोग मुली की सब्जी व सलाद आदि मे ज्यादा मात्रा मे इस्तेमाल करते है। अगर आप जनवरी महीने मे मुली की खेती करते है। तो यह खेती आपके लिए फायदेमंद होगी इसका मुख्य कारण है। इस समय उगाई गई मुली का बाजार मे मूल्य भी अच्छा मिल जाता है।

मिट्टी व बुवाई का समय

मुली की खेती करने के लिए दोमट व बलुई मिट्टी को उपयुक्त मानी जाती है। अगर आप मुली को बलुई मिट्टी मे उगा रहे है तो मिट्टी का ph मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए। वही मुली की बुवाई आपको अक्टूबर से जनवरी महीने तक करे ताकि सर्दी का मौसम मे आपको मुली की खेती से उत्पादन मिलना शुरू हो जाए।

सिचाई कितने दिन बाद करे

इस खेती मे पहली सिचाई आपको मुली की बुवाई के बाद कर देनी चाहिए। व दूसरी सिचाई जब मुली से 3 से  4 पत्तिया आ जाए उस समय करनी चाहिए। अगर आप सर्दी के मौसम सिचाई कर रहे है तो 10 से 14 दिन के बाद कर देनी चाहिए। व गर्मी के मौसम 7 दिन के बाद सिचाई करनी चाहिए।

मुली की खेती कितने दिन बाद तैयार होती है

मुली की खेती से पैदावार लगभग 40 – 50 दिन के बाद मिलना शुरू हो जाती है। अब आप मुली उखाड़ कर बाजार मे बेच सकते है। मुली पूरी तरह से खाने के लिए तैयार हो जाती है। मुली की खेती मे खाद व उर्वरक का इस्तेमाल करके आप बढ़िया उत्पादन लेकर कम समय मे बढ़िया मुनाफा कमा सकते है।

पालक की खेती

पालक का नाम भी जनवरी महीने मे उगाई जाने वाली सब्जीयां मे शामिल है। आप सर्द मौसम में पालक की खेती जरुर करे। मुली का पालक के साथ गहरा नाता है। आप सभी ने देखा होगा जब भी मुली की सब्जी बनती है तो पालक की जरुर साथ मिलाया जाता है। ताकि मुली की सब्जी जायकेदार बन सके। व पालक का प्रयोग पकौड़ी और दाल आदि बनाने में भी किया जाता है।

मिट्टी की आवश्यकता व सही समय

पालक की खेती करने के लिए रेतीली व दोमट मिट्टी अच्छी रहती है। भूमि का ph मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए। पालक को उगाने का सही समय सर्दी का मौसम होता है। यानि इस खेती को आप जनवरी महीने मे उगा सकते है। पालक की अच्छी पैदावार लेने के लिए समय – समय पर खेती मे सड़ी हुई गोबर खाद व उर्वरक को मिलाते रहना चाहिए।

सिचाई की आवश्यकता व कटाई

पालक की बुवाई करने से पहले ही आपको मिट्टी मे नमी रखनी चाहिए। पालक को बोने के बाद पहली सिचाई कर देनी चाहिए। पालक की खेती को ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है। पालक की खेती बुवाई के 2 महीनों के बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है। अब आप पालक को बाजार मे बेच सकते है।

अगर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई हो तो आप इसे ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया पर जरूर करे। ताकि सभी किसान भाइयों तक यह जानकारी पहुँच सके।

Share Now

Leave a Comment