एलोवेरा की खेती कैसे करे | Aloevera farming hindi

एलोवेरा की खेती का नाम सुनते ही आयुर्वेदिक दवा याद आ जाती है। कारण यह है की इसका प्रयोग अधिकांश आयुर्वेदिक दवाओ को बनाने मे होता है। लेकिन आज के समय मे किसान एलोवेरा यानि ग्वारपाठा की खेती से लाखों कमा रहा है। और यह खेती कम लागत वाली खेती है, व आवारा जानवरों से भी सुरक्षित है।

आप सभी को मालूम है एलोवेरा का प्रयोग आज के समय मे सभी बीमारी के उपचार मे होने लग गया है। और सेकड़ों दवाओ के निर्माण मे एलोवेरा का प्रयोग किया जा रहा है। इस कारण बाजार मे इसकी मांग हमेशा बनी रहती है। बात करेंगे एलोवेरा की खेती कैसे करे इसकी पूरी जानकारी देंगे।

एलोवेरा की खेती कैसे करे

अगर कोई किसान ग्वारपाठा की खेती करता है। तो एक साल मे इस खेती से लाखों पैसा कमा सकता है। इस खेती को एक बार खेत मे लगाने के बाद आप लगातार 5 साल तक पैदावर प्राप्त कर सकते है। और आप इस खेती को अगर आप अपनी उपजाऊ जमीन पर नही लगाना चाहते है तो आप खेत के चारो तरह मेड पर भी लगा सकते है। इससे आप खेती मे दो फसल को उगाकर मुनाफा कमा  सकते है ।

एलोवेरा की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी व जलवायु

एलोवेरा यानि घृतकुमारी की खेती एक व्यवसायिक खेती है। एलोवेरा की खेती कैसे करे इस खेती को आप किसी भी इलाकों शुष्क या सिंचित क्षेत्र दोनों मे उगा सकते है। ग्वारपाठा की खेती के लिए सबसे बढ़िया तापमान 20 डिग्री से लेकर 22 डिग्री सेन्टीग्रैड माना गया है। एलोवेरा को हमेशा ऊंची मिट्टी मे लगाना चाहिए। इस खेती को बहुत ही कम मात्रा मे पानी की आवश्यकता होती है। वर्तमान समय मे एलोवेरा की खेती को राजस्थान राज्य के साथ ही महाराष्ट्र मध्यप्रदेश व गुजरात मे सबसे ज्यादा उगाया जा रहा है।

भूमि की तैयारी व खाद की मात्रा

बारिश का मौसम आने से पहले आपको एलोवेरा की खेती करने के लिए खेत की 2 बार जुताई कर देनी चाहिए। खेत की जुताई करते समय ही आपको मिट्टी मे 12 से 15 टन पशुओ की सड़ी हुई गोबर खाद भूमि मे मिल देनी चाहिए। खाद डालने के बाद एक जुताई और कर देनी है ताकि खाद भूमि मे अच्छी तरह मिल जाए।

एलोवेरा का बुवाई का समय

किसी भी खेती को उसके लगाने के उपयुक्त समय पर ही रोपाई करनी चाहिए। एलोवेरा की खेती कैसे करे यह सवाल आपके भी मन में होगा। इस खेती को आपको सर्दी के मौसम में लगाने से बचना चाहिए।  अगर हम उपयुक्त समय की बात करे तो घृतकुमारी की खेती को आपको जुलाई से अगस्त महीने में ही लगाना चाहिए।

प्रति एकड़ बीज की मात्रा

एलोवेरा की खेती से बढ़िया पैदावार लेने के लिए आपको 4 से 5 पत्ती वाले एलोवेरा का ही खेत मे लगाने के लिए चयन करना चाहिए। इसके साथ ही रोपाई के लिए काम मे लेने वाले घृतकुमारी का पौधा 4 महिने का होने के साथ ही उसकी लंबाई 20 सेंटीमीटर से 25 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए। एलोवेरा की रोपाई करते समय स्वस्थ पौधों को ही लगाना चाहिए ताकि पैदावार अच्छी मिल सके। एक एकड़ मे एलोवेरा की खेती करने के लिए 5 हजार से 10 हजार ग्वारपाठा के पौधों की आवश्यकता होती है।

रोपाई की विधि

इस खेती की रोपाई आपको लंबी लाइन बनाकर करनी चाहिए। पौधों को लगाने के लिए आपको 1 मीटर मे 2 लंबी लाइन बनानी चाहिए। व इनके बाद आपको 1 मीटर जगह को खाली छोड़ देना है व फिर से आपको 1 मीटर मे 2 लाइन बनानी है। इस तरह से आप 2 लाइन के बाद जगह जरूर छोड़ना है ताकि एलोवेरा की कटाई व निराई गुड़ाई आप आसानी से कर सके। जब पौधे बड़े हो जाते है तो इनकी जड़ों के पास से नई जड़े निकलना शुरू हो जाती है। इन नई जड़ों को आपको मिट्टी से ढक देना है ताकि धृतकुमारी के ने पौधे तैयार हो सके। व आप खेत मे ने पौधों को लगाकर पौधों की संख्या को बढ़ा सके।

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सिचाई का समय

आपको एलोवेरा को लगाने के तुरंत बाद ही पहली सिचाई कर देनी है। पहली सिचाई के बाद आपको समय – समय पर सिचाई करते रहना है। वैसे तो इस फसल को पानी की कम ही आवश्यकता होती है। धृतकुमारी की खेती मे पानी की पर्याप्त मात्रा मे पूर्ति होने से एलोवेरा के पत्तों से जेल बढ़िया मात्रा मे प्राप्त होता है। बाजार मे एलोवेरा को बैचने पर अच्छा मुनाफा मिल जाता है।

खेती की निराई व गुड़ाई

एलोवेरा की खेती मे पहली बार आपको निराई व गुड़ाई के कार्य फसल को लगाने के 1 महीने के बाद करनी चाहिए। हर वर्ष आपको धृतकुमारी की 2 से 3 बार निराई गुड़ाई करनी चाहिए। व इसके बाद आपको इस खेती मे समय – समय पर खरपतवार को निकालना चाहिए।

फसल की कटाई कब करे

इस खेती को करने का किसानों को सबसे बड़ा फायदा यह है की इस फसल मे किसी तरह के किट बीमारी नहीं लगती है।  जिससे कीटनाशक का खर्च नहीं आता है। एलोवेरा की खेती मे आपको हर साल पैदावार मिल जाती है। इस इस फसल को लगाने के बाद जब पौधों के निचले हिस्से की 3 पत्ती पूरी तरह से पक जाती है तो आपको इनको काटकर अलग कर लेना है। और इन पत्तियों से आप जैल निकाल सकते है व बैच भी सकते है।

एलोवेरा की खेती से प्रति एकड़ उपज व आय

एलोवेरा की खेती से आप प्रति एकड़ उपज 20 हजार किलोग्राम तक प्राप्त कर सकते है। व बाजार मे अगर आप धृतकुमारी की पक्की हुई पत्तियों को काटकर बेचते है तो आपको 2 रुपये से 5 रुपये तक प्रति किलोग्राम तक मिल जाते है। इसके साथ ही आप बाजार मे न बेचकर आप घर पर ही जेल व आयुर्वेदिक दवा बनाकर बेच सकते है। इस आयुर्वेदिक खेती को करके आप 1 साल के बाद प्रति एकड़ 1 लाख रुपये तक की उपज ले सकते है।

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